हिन्दी की ई-संस्था है शैलेश
अगर आप इंटरनैट पर हिन्दी टाईप करने में किसी दिक्कत का सामना कर रहे हों या फिर आप इंटरनैट पर आप हिन्दी लिखने पढने में रुचि रखते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है।
अगर आप इंटरनैट पर हिन्दी टाईप करने में किसी दिक्कत का सामना कर रहे हों या फिर आप इंटरनैट पर आप हिन्दी लिखने पढने में रुचि रखते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है।
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भाई शैलेश भारतवासी हिन्दी और हिन्दी लिखने वालों का सहयोग और प्रोत्साहन जिस उत्साह से कराते हैं, वह नि:स्न्देह हिन्दी के प्रचार और प्रसार में बड़ा योगदान है। मैं पहले हिन्दी में टाईप नहीं कर पाता था, ये भाई शैलेश भारतवासी के सहयोग से ही संभव हुआ है कि अब मैं किसी हिन्दी टाईपिंग सॉफ्ट्वेयर के लिए इधर-उधर नहीं भटकता बल्कि अब अपनी विंडो में ही मौजूद सैटिंग को हिन्दी के लिए प्रयोग करता हूं। शैलेश भाई के बारे मुझे मुम्बई से वरिष्ठ साहित्यकार और ‘हिमाचल मित्र’ पत्रिका के संपादक अनूप सेठी ने बताया। आप भी अगर तरह-तरह के सॉफ्टवेअर हिन्दी टाईपिंग के लिए प्रयोग करते हैं और ऑफलाईन होने पर यूनीकोड टाईपिंग के लिए किसी सॉफ्टवेअर के लिए तालाश कर रहे हैं तो आपकी इस समस्या का समाधान शैलेश भारतवासी के पास है आप इन्हें इमेल करके तो देखिए और और ये हिन्दी लेखकों के प्रोत्साहन के एक सशक्त मंच 'हिन्द-युग्म' भी चला रहे हैं। हिन्दी लेखकों के प्रोत्साहन और लेखकों के प्रति इनकी समर्पण भावना देखिए कि मुझसे इन्होंने हिन्दी के कवि प्रदीप की पुण्य तिथि 11 दिसंबर 2008 को न केवल मुझसे लेख भिजवाने का आग्रह किया बल्कि रात 2 बजे तक जागते रहे और जब तक लेख आवाज़ पर पोस्ट नहीं किया शैलेश भाई सोए नहीं।भाई शैलेश की इसी संलग्नता से प्रभावित होकर मैं ये शब्द उनकी सम्मान में लिख रहा हूं। मेरी ये प्रतिक्रिया शैलेश भाई को न जाने कैसी लगेगी, लेकिन आप को कैसी लगी आप जरूर बताएं और 'हिन्द-युग्म' पर भी जाएं और मेरा लेख व गज़ल भी पढ़ें।
9 टिप्पणियां:
जनाब शैलेश सिर्फ़ के इंसान या केवल एक नाम ही नही, शैलेश एक प्रभाव है, जो इससे मिलता है प्रभावित हुए बिना नही रहता. शैलेश के साथ जुड़े मुझे एक साल से ज्यादा हो गया है और हिन्दयुग्म के साथ जुड़ना भी एक प्रभावकारी अनुभव रहा है.
शैलेश जी जिस तरह इंटरनेट पर हिंदी को लोक प्रिय करने में जुटें हैं, वह काबिले तारीफ है. आज हमें शैलेश जैसे समप्रित लोगों की जरूरत है.
अनूप सेठी
जानकारी के लिए आभार।
haan aise hi hain shailesh ji. maine bhi unse bahut kuch seekha hai.
प्रकाश भाई
वही पागल शैलेश जो चलता फिरता यानी बिलकुल
दीवाना बिना यश की लालसा के अंतरजाल पे हिन्दी के
छा जाने की जुगत लगाता रहता है.
या कहीं आप उस शैलेश की बात तो नहीं कर रहे हैं
जो अपनी और से भी फोन करके मदद करता है
यदि ये वही ज़नाब हैं तो अंतरजाल पे मौन साधनारत
जी मैं इनको बिलकुल नईं जानता जान के करूंगा भी क्या ?
क्योंकि मैं इनको पहचानता हूँ
इनके लिए आपकी कलम चली आपका आभारी हूँ
रवि रतलामी जी, की परम्परा को आगे ले जाएंगे ये
जी हाँ ये भाई साहब अंकित जैसे भाइयों के लिए भी
प्रेरणा के स्रोत हैं
हम सबके गुरु
शैलेश जी की हिन्दी ब्लाग जगत में वही उपयोगिता है जो फिल्म में पर्दे के पीछे के कलाकार का होता है वह पर्देके पीछे रह कर फिल्म सफल बनाता है। भले ही शैलेश जी ब्लाग लेखक कम करते हो किन्तु किसी परिचय के मोहताज नही है।
बहुत खुब.शैलेश जी को हमारा प्रणाम
धन्यवाद
Shailesh ji ke baare mein bahut pehle se jaanta hoon...2 saal pehle orkut pe "hindi poetry" ki community join ki thi wahaan se...inki koshisho ko mera salaam
इस महान आदमी को मेरा सलाम । इस प्रकार के व्यक्तीत्व कम ही देखने मे आते है । जरूरत है इस प्रकार के लोगो को हिन्दी जगत मे सामने लाने की । धन्यवाद
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