रविवार, 3 फ़रवरी 2013

अनुराग के प्रयासों से पूरा हुआ धर्मशाला स्टेडियम का सपना


अनुराग ठाकुर
27 जनवरी 2013 आखिर एक ऐतिहासिक दिन बन ही गया। यह हिमाचल के एक मात्र अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की सूचि में आ गया। भारत और इंग्लैंड के बीच हुए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच ने इस ऐतिहासिक दिन पर मोहार लगा दी। मैच के दौरान धर्मशाला स्थित इस स्टेडियम की सुन्दरता की प्रशंसा हर कोई कर रहा था। हज़ारों लोगों की तादाद में खचाखच भरे स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट और जश्न भरा शोर-शराबा था। इसी ऐतिहासिक दिन की एक और रोमांचक कड़ी ये थी कि हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल एक साथ इस जश्न में शरीक थे ।  अब धर्मशाला तिब्बत की निर्वासित सरकार की वजह से नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की वजह से जाना जाने लगा है । 
                
धर्मशाला क्रिकेट स्टेडिम का मनमोहक दृष्य 

धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम बनाने का सपना देखने वाले पहले व्यक्ति हैं अनुराग ठाकुर। कहावत भी है कि सपने देखना आम आदमी के बस की बात नहीं, ( बात उस सपने की हो रही है जो खुली आँख से देखा जाता है), और जो सपना देखता है, वही उसे पूरा करने की सोचता भी है। उसका प्रमाण हमारे समक्ष धर्मशाला में बना क्रिकेट स्टेडियम है । 17 जववरी 2013 को जब स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था तो  लोग उल्लास से भरे हुए मैच का आनन्द ले रहे थे और मेरा ध्यान इस  उल्लास के लिए सपना देखने वाले उस युवा पर था जो इस भीड़ का एक हिस्सा मात्र था, एक कोने में बैठा हुआ, चाय की चुस्कियां लेता वह युवा अनुराग ठाकुर । ज़ाहिर है इस सपने को पूरा करने में हिमाचल सरकार, हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन के अन्य सदस्य और अनेक व्यक्ति होंगे जो इसमें सहभागी बने, लेकिन सपना ही न होता तो किसे साकार करते ?  इसीलिए बहुत से विद्वान सपना देखने पर ज़ोर देते हैं, परंतु सपना देखना आम आदमी के बस की बात भी नहीं।
धर्मशाला स्टेडियम में विजेता भारतीय टीम का फ़ोटो

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के इतिहास पर जाएँ तो इसका गठन वर्ष 1960 में ही हो गया था और और सन 1984 में एसोसिएशन को बीसीसीआई की सदस्यता भी मिल गई थी, लेकिन एसोसिएशन काफी शिथिल अवस्था में थी। 2 जुलाई 2000 को जैसे ही एसोसिएशन की अध्यक्षता के लिए अनुराग ठाकुर को चुना गया, एसोसिएशन में एक ऊर्जा का संचार हुआ, अनुराग ने अध्यक्ष पद पर विराजमान होते ही हिमाचल में क्रिकेट की संभावनाएँ तलाशने का बीड़ा उठा लिया । 
पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच(भारत और इंग्लैंड )में पुरस्कार वितरित करते हिमाचल के मुख्यमंत्री व अन्य

यही वक्त था कि अनुराग ने हिमाचल क्रिकेट स्टेडियम  स्थापित करने की सोची और हिमाचल के खेल प्रेमियों ने भी उनका भरसक साथ दिया। मार्च 2002 में 16 एकड जमीन पर स्टेडियम बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने जब स्वीकृति दी और ज़मीन के काग़ज़ात हिमाचल प्रदेश क्रिकेटर एसोसिएशन के प्रधान को  सौंपे गए तो अनुराग तभी मान गए थे कि स्टेडियम का निर्माण अब और भी आसान हो गया था, लेकिन इसे पूरा करना कितना मुश्किल हो सकता था, ये तो आसानी से ही महसूस किया जा सकता है, लेकिन अनुराग की टीम ने धर्मशाला स्टेडियम को बनाकर क्रिकेट के प्रति अपनी तत्परता और विषेष रुचि का प्रमाण दिया है। बताया जाता है कि स्टेडियम निर्माण में 60 करोड़ की लागत आई, फलस्वरूप यह हिमाचल का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक आकर्षक स्टेडियम बन गया। लगभग  25000 दर्शकों के बैठने  की क्षमता वाले, धौलाधार की  चोटियों से घिरे इस स्टेडियम की सुन्दरता देखते ही बनती है। 

धर्मशाला स्टेडियम की ताज़ा फोटो

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन जहाँ क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह का कारण बनी हुई है, वहीं अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता में यह एसोसिएशन एक के बाद एक मील पत्त्थर  स्थापित कर रही है।  अनुराग हिमाचल प्रदेश के नादौन और बिलासपुर में भी ऐसा ही एक  स्टेडियम स्थापित करना चाहते हैं, जिसके लिए लगभग पाँच करोड़ रुपयों की ज़रूरत है। इंग्लैंड और भारत के बीच धर्मशाला में हुआ प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मैच कई मानों मे ऐतिहासिक रहा। अनुराग ने इस दिन भी बिना किसी राजनीतिक दृष्टि से हिमाचल के मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्य मंत्री प्रेमकुमार धूमल को एक मंच पर ला खड़ा किया। अनुराग जैसे युवाओं की हिमाचल को आवश्यकताहै । हिमाचल में क्रिकेट का भविष्य अनुराग की आँखों में दिखाई दने लगा है। अनुराग के इस प्रशंसनीय कार्य के लिए उनकी पीठ थपथपाना यद्यपि एक छोटा सा प्रोत्साहन होगा, लेकिन उनके लिए  यह दुआ भी की जा सकती है कि ऐसे हसीन सपने देखने का उनका दृष्टिकोण कायम रहे और उनका जीवन कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ता रहे। इस लेख में पाठक अपनी राय जोड़ेंगे तो ज़ाहिर है कि अनुराग के लिए हिमाचली लोगों की एक शाबाशी तो होगी ही, साथ ही साथ उन तक यह संदेश भी जाएगा कि सब उनके सफल जीवन की कामना कर रहे हैं और सब प्रदेशवासी प्रदेशहित के लिए कार्य कर रहे हर व्यक्ति की पीठ थपथपाना जानते हैं। शाबाश अनुराग।

2 टिप्‍पणियां:

Roshan Jaswal Vikshipt ने कहा…

अच्‍छा है

Kusum Thakur ने कहा…

बहुत बहुत बधाई !!

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